मै कभी बतलाती नहीं,
पर अकेलेपनसे डरती थी तेरी माँ!
यू तो मै दिखलाती नहीं,
सिर्फ तेरिही परवाह करती थी तेरी माँ!
तुजे सब-कुछ पता है मेरी जान..........!
भिडमे रहनेकी आदत थी मुज़े,
अब अकेले न रह सके ये तेरी माँ!
करना था ,इतना अकेला मुज़े,
की याद न आये तुजको अपनी माँ!
क्या इतनी बुरी है तेरी माँ!
तुजे सबकुछ पता है मेरी जान.........!
जबभी कोई,दिलको चोट पहुचाता था,
तुमने मुज़े थामा हरवक्त!
अब मै सहम जाती हु मेरी जान!
तुजे सबकुछ पता है मेरी जान.........!
तुम हो मेरे जिनेका मकसद,
वो न रहा तो कैसे जियेगी माँ!
तुम हो ज़वा,बूढी हो गयी हु मै,
अब तुम बन जाओ ना मेरी माँ!
तुजे सबकुछ पता है मेरी जान..........!
सबकुछ है मेरे पास,
बस प्यार भरे शब्द देना मेरी जान!
तुम खुश रहो,ये दुवा हरवक्त,
तुम्हारे साथ है मेरी जान!
तुजे सब-कुछ पता है मेरी जान.........!
मंगला
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